देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी का 23 जून 1980 को एयर इंडिया की विमान दुर्घटना के कारण संजय गांधी का निधन हो गया था इस घटना से भारत में राजनीति के सारे समीकरण बदल डाले!
यह सच है कि संजय गांधी को इंदिरा गांधी के राजनैतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था संजय गांधी के निधन से देश की सियासी हवा पूरी तरह से बदल गई इस घटना के पूरे 4 बरस बाद ही इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई तो उनके बड़े पुत्र राजीव गांधी को उनकी विरासत संभालने के लिए राजनीति में कदम रखना पड़ा.....
1.एमरजेंसी में भी थी उनकी अहम भूमिका
लगभग 33 साल की उम्र में ही संजय गांधी सत्ता और सियासत का वह चेहरा बन गए थे जिसके सामने कैबिनेट भी बौना पड़ गया था संजय गांधी इंदिरा गांधी के लिए मजबूती बनकर उभरे थे यह कहा जाता है कि देश पर एमरजैंसी लगाने में भी संजय गांधी की अहम भूमिका थी।
2. कांग्रेस को एक बार फिर जीत दिलाई
इमरजेंसी के बाद 1977 की हार ने एक बार फिर संजय गांधी को जन्म दिया यह कहा जाता है कि हार के बाद संजय गांधी ने राजनीति का गुना भाग सीख लिया उन्होंने चरण सिंह जैसे बड़े नेता को प्रधानमंत्री बनाकर जनता पार्टी को तुड़वा दिया यही कारण था कि जनता में इंदिरा गांधी की इमेज को चमक मिली अनेक हथकंडे अपनाए साथ ही वह कांग्रेस ने अपना यंग बिग्रेड तैयार किया उसके बाद नतीजा यह निकला कि 1980 के जनवरी में ना सिर्फ कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाई वह ८ राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।
3. भारत में मारुति को लाए
यह कहना सत्य हैं कि पेड़ लगाने का आंदोलन और भारत में चीजों के बनने पर जोर उनके वर्क क्रम का एक प्रमुख हिस्सा था उन्होंने वर्कशॉप में मारुति का डिजाइन बनाने की कोशिश की भारत में मारुति को संजय गांधी नहीं चालू किया था।
4. कई बार हुआ था हमला
एक अग्रेजी अखबार की मानें तो इमर्जेंसी के दौरान उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। 1976 में उन पर गोली चलाई गई थी यह कहा जाता है कि 30-31 अगस्त 1976 को ऊन पर हमला किया गया था। लेकिन संजय गांधी की म्रत्यु 23 जून 1980 मेें विमान दुर्घटना से हुई थी।
और पढें :- SEO क्या है - what is Seo / Search engine optimization : type of seo
और पढें :- VPN क्या है? और इसको कैसे उपयोग करते हैं।
और पढें :- घर बैठे ब्लॉगिंग से पैसे कमाए: Make Money From Blogging At Home
यह सच है कि संजय गांधी को इंदिरा गांधी के राजनैतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था संजय गांधी के निधन से देश की सियासी हवा पूरी तरह से बदल गई इस घटना के पूरे 4 बरस बाद ही इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई तो उनके बड़े पुत्र राजीव गांधी को उनकी विरासत संभालने के लिए राजनीति में कदम रखना पड़ा.....
1.एमरजेंसी में भी थी उनकी अहम भूमिका
लगभग 33 साल की उम्र में ही संजय गांधी सत्ता और सियासत का वह चेहरा बन गए थे जिसके सामने कैबिनेट भी बौना पड़ गया था संजय गांधी इंदिरा गांधी के लिए मजबूती बनकर उभरे थे यह कहा जाता है कि देश पर एमरजैंसी लगाने में भी संजय गांधी की अहम भूमिका थी।
इमरजेंसी के बाद 1977 की हार ने एक बार फिर संजय गांधी को जन्म दिया यह कहा जाता है कि हार के बाद संजय गांधी ने राजनीति का गुना भाग सीख लिया उन्होंने चरण सिंह जैसे बड़े नेता को प्रधानमंत्री बनाकर जनता पार्टी को तुड़वा दिया यही कारण था कि जनता में इंदिरा गांधी की इमेज को चमक मिली अनेक हथकंडे अपनाए साथ ही वह कांग्रेस ने अपना यंग बिग्रेड तैयार किया उसके बाद नतीजा यह निकला कि 1980 के जनवरी में ना सिर्फ कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाई वह ८ राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी।
3. भारत में मारुति को लाए
यह कहना सत्य हैं कि पेड़ लगाने का आंदोलन और भारत में चीजों के बनने पर जोर उनके वर्क क्रम का एक प्रमुख हिस्सा था उन्होंने वर्कशॉप में मारुति का डिजाइन बनाने की कोशिश की भारत में मारुति को संजय गांधी नहीं चालू किया था।
4. कई बार हुआ था हमला
एक अग्रेजी अखबार की मानें तो इमर्जेंसी के दौरान उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। 1976 में उन पर गोली चलाई गई थी यह कहा जाता है कि 30-31 अगस्त 1976 को ऊन पर हमला किया गया था। लेकिन संजय गांधी की म्रत्यु 23 जून 1980 मेें विमान दुर्घटना से हुई थी।
और पढें :- SEO क्या है - what is Seo / Search engine optimization : type of seo
और पढें :- VPN क्या है? और इसको कैसे उपयोग करते हैं।
और पढें :- घर बैठे ब्लॉगिंग से पैसे कमाए: Make Money From Blogging At Home
ConversionConversion EmoticonEmoticon